कुवलय
राजीव डोगरा ’विमल’
कला का पुरस्कार
अब मिलता नहीं है
चित्र विचित्र होकर भी
कोई बिकता नहीं।
घर की वापसी
अब कोई करता नहीं
प्रजातंत्र के लिए
कोई लड़ता नहीं।
सभ्यता व संस्कृति से
अब कोई डरता नहीं
श्रमिक के लिए किसी से
कोई भिड़ता नहीं।
अमल-धवल महामानव
अब कोई मिलता नहीं
निदाग कुवलय सा शख़्स
कोई दिखता नहीं।
0 टिप्पणियाँ
कृपया टिप्पणी दें
लेखक की अन्य कृतियाँ
- कविता
-
- अंतिम छाया
- अंतिम राह
- अकेलापन
- अघोरी हूँ
- अट्टहास
- अतिरिक्त
- अथाह अनुभूति
- अनदेखे अनसुने
- अनुभूति
- अभी
- अमूक कविता
- अलख निरंजन
- अस्तित्व
- अक़्सर
- आंतरिक ग़ुलाम
- आंतरिक गुनाहगार
- आंतरिक दर्द
- आक्रोश
- आग़ाज़
- आजीवन
- आदत है अब
- आधुनिक घुसपैठिए
- आधुनिक मुखौटा
- आनंदमयी
- आम सी लड़की
- आसार
- आस्तीन के साँप
- आज़माइश
- आज़माइश-2
- इंसाफ़
- ईश्वर की आवाज़
- उड़ने दो
- उड़ान
- उड़ूँगा
- एक दिन
- एक नई दीपावली
- एक पत्र ईश्वर के नाम
- एहसास
- ऐयाश मुर्दो
- काल
- काव्य प्रेम
- काश (राजीव डोगरा ’विमल’)
- किसी ओर से
- कुछ इस तरह
- कुछ तो हो
- कुछ भी नहीं
- कुवलय
- कृष्ण अर्जुन
- कृष्ण पथ
- कोई पता नहीं
- कोई फ़र्क़ नहीं
- कौन सा वक़्त
- क्या कहूँ
- क्या?
- क्षितिज
- ख़्वाहिश
- खोज
- गर्माहट
- गुनाह
- गुनाह मोहब्बत का
- गुरु प्यारा
- चलो केशव
- चहुँ ओर
- जगदंबा स्तुति
- जागो
- जान लिया
- जाने क्यों (राजीव डोगरा ’विमल’)
- जीना सीखो
- जीवंत जीवन
- जीवंत पंथ
- जीवन-मृत्यु
- झूठी यारी
- तलब
- तांडव
- तुम मुझ में
- तुम में हम
- तुमने कोशिश की
- तुम्हारे साथ
- तेरा सानिध्य
- तेरी तलाश में
- दर्द की सज़ा
- दस्तूर
- दिल की गहराई
- दिव्य दृष्टि
- दीप
- दीप
- दृढ़ता की दौड़
- दोस्ती
- दोस्ती का रंग
- दौर
- नई मोहब्बत
- नए साल
- नया वर्ष
- नया साल
- नादान जीवन
- नापाक दर्द
- नासूर
- पथिक
- परवाह छोड़ दो
- पहले
- पिंजरे में बंद मानव
- पीड़ा
- प्रलय
- प्रेम
- फिर से
- बचपन की कहानी
- बताओ ज़रा
- बदलता हुआ वक़्त
- बदलते इंसान
- बदलते जज़्बात
- बदलते रंग
- बदलाव – 1
- बदलाव – 2
- बदलाव – 3
- बदलियां गल्लां
- बरसो न बादल
- बाक़ी है
- बेचारा आवारा
- भगवती वंदना
- भीतर
- भेड़िये
- भौतिक सत्ता
- मत वहन करो
- मतलबी
- महाकाल
- महाकाल आदेश
- माँ का आँचल
- माँ काली
- मुश्किल
- मृत्यु
- मृत्यु का अघोष
- मृत्यु का अट्टहास
- मेरा ज़माना
- मेरे प्रभु
- मेरे महाकाल
- मेरे शहर में
- मैं कहाँ?
- मैं शनि हूँ
- मैं समय हूँ
- याद रखना
- यादों के संग
- रंग राहु
- रणचंडी
- रहने दो
- रहने दो –01
- राम
- लौट आना
- वजह
- वजह
- वजूद
- वहम
- वो लड़की हूँ
- व्यक्तित्व का डर
- वक़्त का पहिया
- वक़्त कहाँ
- शेष है
- श्री सिद्धिविनायक स्तुति
- सँभाल लेना
- संस्कार
- सदाशिव
- सन्नाटा
- समय
- सम्मान
- सामंजस्य
- सामना
- सिलसिला
- स्मृति
- स्वतंत्रता
- स्वयं
- हर बार
- हिमाचल गान
- हे! ईश्वर
- हे! वाग्वादिनी माँ
- ख़ुदा करे
- ख़ुदग़र्ज़ी
- ख़्वाहिश
- ज़िंदादिल इंसान
- फ़र्क़
- नज़्म
- बाल साहित्य कविता
- सामाजिक आलेख
- विडियो
-
- ऑडियो
-