बुरा इंसान

15-12-2025

बुरा इंसान

राजीव डोगरा ’विमल’ (अंक: 290, दिसंबर द्वितीय, 2025 में प्रकाशित)

 

हाँ मैं बुरा हूँ 
क्योंकि मैं चाहता हूँ 
कि तुम हमेशा ख़ुश रहो। 
 
हाँ मैं बुरा हूँ 
क्योंकि मैं चाहता हूँ 
कि तुम बुरे लोगों से सदा दूर रहो। 
 
हाँ मैं बुरा हूँ 
क्योंकि मैं चाहता हूँ 
कि तुम सदा मुस्कुराते रहो। 
 
हाँ मैं बुरा हूँ 
क्योंकि मैं चाहता हूँ 
कि तुम्हारे जीवन में दुख न आए। 
 
हाँ मैं बुरा हूँ 
क्योंकि मैं चाहता हूँ 
कि तुम मेरे बाद भी ख़ुश रहो। 

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