एहसास

राजीव डोगरा ’विमल’ (अंक: 196, जनवरी प्रथम, 2022 में प्रकाशित)

सर्दी बहुत है
गर्मी का एहसास करवाइए ।
नफ़रत बहुत है
मोहब्बत का एहसास करवाइए ।
ग़म बहुत है
ख़ुशियों का एहसास करवाइए।
बेगानापन बहुत है
अपनेपन का एहसास करवाइए।
अँधेरा बहुत है
रोशनी का एहसास करवाइए।
शोर बहुत है
शांति का अहसास करवाइए।
अस्थिरता बहुत है
स्थिरता का एहसास करवाइए।
मिथ्या बहुत है
सत्यता का एहसास करवाइए।
दोगलापन बहुत है
एकसारता का एहसास करवाइए।

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