मेरे माधव

01-09-2025

मेरे माधव

राजीव डोगरा ’विमल’ (अंक: 283, सितम्बर प्रथम, 2025 में प्रकाशित)

 

माधव तेरे शहर के लोग
अक्सर मोहब्बत का
नाम लेकर डसते हैं। 
 
माधव तेरे शहर के लोग
नाम तो तेरा लेते है
पर तुम जैसी
प्रेम प्रीति न करते हैं। 
 
माधव तेरे शहर के लोग
कान्हा-कान्हा तो करते हैं
मगर तुम जैसा
रण में साथ न देते हैं। 
 
माधव तेरे शहर के लोग
प्रेम तो बहुत करते हैं
मगर तुम जैसे
निभाने से डरते हैं। 
 
माधव तेरे शहर के लोग
सत्यता का गुणगान तो करते है
मगर तुम जैसे
सत्य के लिए लड़ने से डरते हैं। 

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