चहुँ ओर

15-02-2023

चहुँ ओर

राजीव डोगरा ’विमल’ (अंक: 223, फरवरी द्वितीय, 2023 में प्रकाशित)

तुम सृष्टि के
कण-कण में हो। 
तुम मानव के
मन-मन में हो। 
तुम बीतते वक़्त के
क्षण-क्षण में हो। 
तुम सोचते-विचारते
जन-जन में हो। 
तुम बनती बिगड़ती
परिकल्पना के पल-पल में। 
तुम अनंत व्योम के चमकते
सितारे-सितारे में हो। 

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