आनंदमयी

01-05-2023

आनंदमयी

राजीव डोगरा ’विमल’ (अंक: 228, मई प्रथम, 2023 में प्रकाशित)

 

इश्क़, प्रेम, मोहब्बत
ये सब शब्द अधूरे हैं
एक बार तुम
आ जाओ तो
ये शब्द ख़ुद-ब-ख़ुद पूरे हैं। 
 
एहसास, वफ़ा, दिल्लगी
ये सब शब्द अधूरे हैं
एक बार तुम
छू लो मेरी रूह को
ये शब्द ख़ुद-ब-ख़ुद पूरे हैं। 
 
अनुरक्ति, प्रीति, भक्ति
ये सब शब्द अधूरे हैं
एक बार तुम
सिमट जाओ मेरे अंतर्मन में
ये शब्द ख़ुद-ब-ख़ुद पूरे है। 

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