कोई फ़र्क़ नहीं

01-04-2022

कोई फ़र्क़ नहीं

राजीव डोगरा ’विमल’ (अंक: 202, अप्रैल प्रथम, 2022 में प्रकाशित)

मैं कब हारा
मैं कब जीता
मुझे इससे कोई फ़र्क़ नहीं। 
 
कौन अपना
कौन पराया
मुझे इससे कोई फ़र्क़ नहीं। 
 
मैं क्यों रोया
मैं क्यों हँसा
मुझे इससे कोई फ़र्क़ नहीं। 
 
कौन मेरा
कौन तेरा
मुझे इससे कोई फ़र्क़ नहीं। 
 
क्या खोया
क्या पाया
मुझे इससे कोई फ़र्क़ नहीं

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