आज़माइश-2

01-08-2022

आज़माइश-2

राजीव डोगरा ’विमल’ (अंक: 210, अगस्त प्रथम, 2022 में प्रकाशित)

नफ़रत की नहीं
मोहब्बत की
आज़माइश करो। 
 
परायों की नहीं
अपनों की
आज़माइश करो।
  
बुराई की नहीं
अच्छाई का ढोंग
करने वालों की
आज़माइश करो। 
 
दिल दुखाने वालों की नहीं
दिल लगाने वालों की
आज़माइश करो। 
 
मरने वालों की नहीं
जीने वालों की
आज़माइश करो। 
 
कड़वी ज़ुबान की नहीं
शहद से मीठे होंठों की
आज़माइश करो। 

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