मत वहन करो

01-01-2023

मत वहन करो

राजीव डोगरा ’विमल’ (अंक: 220, जनवरी प्रथम, 2023 में प्रकाशित)

मत वहन करो मेरे विचार को
मुझे भी नहीं चाहिए
तुमसे अलंकार के भूषण। 
 
मत वहन करो मेरी वाणी को
मुझे भी नहीं चाहिए
तुमसे छंदों के बंधन। 
 
मत वहन करो मेरे अंतर्द्वंद्व को
मुझे भी नहीं चाहिए
तुमसे परिछंदों के द्वंद्व। 
 
मत वहन करो मेरे अंतःवेगों को
मुझे भी नहीं चाहिए
तुमसे रागों की रागनी। 
 
मत वहन करो
मेरे हृदय तल की असवादों को
मुझे भी नहीं चाहिए
तुम्हारे रसों से उत्पन्न रसायन। 

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