तुम में हम

15-12-2021

तुम में हम

राजीव डोगरा ’विमल’ (अंक: 195, दिसंबर द्वितीय, 2021 में प्रकाशित)

मैं लिख रहा हूँ तुमको
तुम पढ़ लेना ख़ुद को
अगर न समझ आये कुछ
तो पूछ लेना फिर हमको। 
 
वैसे तुम
बहुत समझदार हो
फिर भी
कुछ समझ ना आए
अपने बारे में
कुछ तुमको
तो नासमझ समझ कर ही
पूछ लेना हमको। 
 
मैं सोच रहा हूँ तुमको
मैं लिख रहा हूँ तुमको। 
फिर भी तुमको लगे
हम नहीं हैं आपके
तो पढ़ लेना
हर बार
हमारी शायरी में ख़ुद को। 

0 टिप्पणियाँ

कृपया टिप्पणी दें

लेखक की अन्य कृतियाँ

कविता
नज़्म
बाल साहित्य कविता
सामाजिक आलेख
विडियो
ऑडियो

विशेषांक में