मेरे शहर में

01-05-2022

मेरे शहर में

राजीव डोगरा ’विमल’ (अंक: 204, मई प्रथम, 2022 में प्रकाशित)

आओ! कभी मेरे शहर में
तुम को ग़ैरों को अपना बनाकर
दिल लगाना सिखाएँ। 
 
आओ! कभी मेरे शहर में
तुमको हर एक शख़्स से
मोहब्बत करना सिखाए। 
 
आओ! कभी मेरे शहर में
तुम को नफ़रतों के बीच में
पलता इश्क़ दिखाएँ। 
 
आओ! कभी मेरे शहर में
तुम को विषाद में भी
खिलते हुए चेहरे दिखाएँ। 
 
आओ! कभी मेरे शहर में
तुम को महकते पहाड़ों के बीच
पंछियों की मधुर वाणी सुनाएँ। 

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