जान लिया

01-06-2022

जान लिया

राजीव डोगरा ’विमल’ (अंक: 206, जून प्रथम, 2022 में प्रकाशित)

क्या फ़र्क़ पड़ता है 
अब तेरे आने से 
क्या फ़र्क़ पड़ता है, 
अब तेरे जाने से 
हम तो चर्चित रहेंगे 
फिर भी 
इस ज़माने में। 
क्या फ़र्क़ पड़ता है
अब तेरे रोने से 
क्या फ़र्क़ पड़ता है
अब तेरे मुस्कुराने से। 
 हमने जान लिए हैं 
अब सब तरीक़े 
तेरे दिल बहलाने के। 
 क्या फ़र्क़ पड़ता है
अब दिल लगाने से
क्या फ़र्क़ पड़ता है
अब दिल दुखाने से
हमने जान लिया है, 
महज़ ये
पल भर की ख़ुशी है
पल भर की हँसी है। 

0 टिप्पणियाँ

कृपया टिप्पणी दें

लेखक की अन्य कृतियाँ

कविता
नज़्म
बाल साहित्य कविता
सामाजिक आलेख
विडियो
ऑडियो

विशेषांक में