पुनःस्मृति

01-07-2025

पुनःस्मृति

राजीव डोगरा ’विमल’ (अंक: 280, जुलाई प्रथम, 2025 में प्रकाशित)

 

मेरी हर बात में तुमको
मेरी हर मुलाक़ात याद आएगी। 
 
मेरी हर मुलाक़ात में तुमको
मेरी हर मुस्कुराहट याद आएगी। 
 
मेरी हर मुस्कुराहट में तुमको
मेरी हर पुकार याद आएगी। 
 
मेरी हर पुकार में तुमको
मेरी हर आह याद आएगी। 
 
मेरी हर आह में तुमको
मेरी हर चाह याद आएगी। 
 
मेरी हर चाह में तुमको
प्रेम की नई राह याद आएगी। 

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