कुछ भी नहीं

15-05-2022

कुछ भी नहीं

राजीव डोगरा ’विमल’ (अंक: 205, मई द्वितीय, 2022 में प्रकाशित)

न कोई शिकवा
न कोई शिकायत। 
न कोई दर्द
न कोई हमदर्द। 
न कोई अपना
न कोई पराया। 
न कोई सुख
न कोई दुख। 
न कोई चोर
न कोई शोर। 
न कोई राही
न कोई हमराही। 
न कोई जीत
न कोई हार। 
न कोई रक्षक
न कोई भक्षक। 

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