मतलबी

राजीव डोगरा ’विमल’ (अंक: 227, अप्रैल द्वितीय, 2023 में प्रकाशित)

 

मैंने जहाँ देखा, 
मैंने तहाँ देखा। 
लोग मुझसे जुड़े
बस मतलब के लिए, 
न मेरे विचारों के लिए
न मेरे लिए। 
जो भी मुझसे मुस्काया
किसी न किसी, 
मतलब के लिए
फ़रेब के लिए। 
न कि अपनेपन के लिए
हसीन आँखों ने मुझे भी तका
पर न प्रेम के लिए
न वफ़ा के लिए
बस एक चलते-फिरते
हमसफ़र के लिए।

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