रहने दो –01

01-04-2023

रहने दो –01

राजीव डोगरा ’विमल’ (अंक: 226, अप्रैल प्रथम, 2023 में प्रकाशित)

 

कुछ ख़्वाहिशें अधूरी हैं 
तो रहने दो। 
मोहब्बत की तरफ़ पाँव नहीं जाते
तो रहने दो। 
अपनापन दिखा कर भी 
कोई अपना नहीं बनता
तो रहने दो। 
मंदिरों मस्जिदों में घूम कर भी 
हृदय नेक पाक नहीं होता 
तो रहने दो। 
दिलों जान से मोहब्बत करने के बाद भी 
तुमसे किसी को इश्क़ नहीं होता 
तो रहने दो। 
दिल्लगी के बाद भी 
कोई दिलदार नहीं बनता 
तो रहने दो। 

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