झूठी यारी

01-07-2022

झूठी यारी

राजीव डोगरा ’विमल’ (अंक: 208, जुलाई प्रथम, 2022 में प्रकाशित)

मोहब्बत न सही 
नफ़रत ही किया करो, 
ख़ुशी न सही
ग़म ही दिया करो, 
 
दिल से न सही 
दिमाग़ से ही
सोच लिया करो, 
 
अपनापन न सही
परायपन ही 
दिखा दिया करो, 
 
मुस्कान न सही 
ग़म के आँसू ही
दे दिया करो, 
 
बातचीत न सही
ख़ामोशी का आलम ही 
मेरे नाम कर दिया करो। 

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