चिड़िया

राजीव डोगरा ’विमल’ (अंक: 285, अक्टूबर प्रथम, 2025 में प्रकाशित)

 

उड़ती चिड़िया आसमान में
दोनों पंख फैलाए। 
छोटी सी अपनी चोंच से
दाना-दाना चुग खाएँ। 
 
अपने पंख फैलाए उड़ती
पूर्व से पश्चिम
उत्तर से दक्षिण
हर कोने पर
अपना हक़ जमाती। 
 
डाल-डाल पर
पात-पात पर बैठ
अपना मधुर गीत
सबको सुनाती 

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