आधुनिक व्यक्तित्व

15-02-2025

आधुनिक व्यक्तित्व

राजीव डोगरा ’विमल’ (अंक: 271, फरवरी द्वितीय, 2025 में प्रकाशित)

 

बहुत कुछ लिखते हैं लिखने वाले
मगर लिख नहीं पाते
अपने गुनाहों को कभी। 
 
 बहुत कुछ कहते हैं कहने वाले 
 मगर कह नहीं पाते 
अपने जुर्मों को कभी। 
 
बहुत कुछ सुनाते हैं सुनाने वाले
मगर सुना नहीं पाते 
अपनी कमियों को कभी। 
 
बहुत कुछ दिखाते है दिखाने वाले 
मगर दिखा नहीं पाते 
दबे हुए जज़्बातों को कभी। 

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