परवाह छोड़ दो

15-01-2023

परवाह छोड़ दो

राजीव डोगरा ’विमल’ (अंक: 221, जनवरी द्वितीय, 2023 में प्रकाशित)

दर्द होता है सीने में तो होने दो। 
 
देकर मोहब्बत भी
कोई करता है नफ़रत तो करने दो।
  
देखकर दूसरों के जीवन में उल्लास
कोई मरता है तो मरने दो। 
 
देकर मान-सम्मान भी
कोई गिरता है नज़रों से तो गिरने दो। 
 
देकर प्रेम, लगाव और एहसास भी
कोई जीवन से जाता है तो जाने दो।
  
ईमानदारी सच्चाई की राह पर चलते हुए
कोई छोड़कर जाता है तो जाने दो। 

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