अंतिम छाया

15-07-2024

अंतिम छाया

राजीव डोगरा ’विमल’ (अंक: 257, जुलाई द्वितीय, 2024 में प्रकाशित)

 

बीते हुए वक़्त में 
बीता हुआ
हर लम्हा याद आएगा। 
 
बन गई है जो जगह 
आपके हृदय में 
वो बीता हुआ
हर कल और
आज याद आएगा। 
 
मुक्त हो जाएँगे 
इस जहाँ से एक दिन
और छुप जाएँगे 
आपके हृदय की ओट में। 
 
फिर भी आपको 
हर जगह हर वक़्त 
हमारा साथ याद आएगा। 
 
उड़ जाऊँगा 
क्षितिज पार भी एक दिन 
और संग आपने 
बिताया हर लम्हा 
हर याद ले जाऊँगा। 

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