अनंत सनातन

15-06-2025

अनंत सनातन

राजीव डोगरा ’विमल’ (अंक: 279, जून द्वितीय, 2025 में प्रकाशित)

 

दिन बीत जाते हैं
मगर नहीं बीतता 
वह लम्हा 
जो हमें अपने ईश के समीप ले जाता है। 
 
अवधि बीत जाती है
मगर नहीं बीतता 
वह पल 
जो हमें जड़ता से 
चेतन की ओर सदा के लिए ले जाता है। 
 
समय बीत जाता है 
मगर नहीं बीतता 
वह क्षण 
जो हमें शाश्वत के क़रीब ले जाता है। 
 
वक़्त बीत जाता है 
मगर नहीं बीतता 
वो निमिष
जो हमें अविनाशी के निकट ले जाता है। 

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