सँभाल लेना

01-10-2022

सँभाल लेना

राजीव डोगरा ’विमल’ (अंक: 214, अक्टूबर प्रथम, 2022 में प्रकाशित)

मैं पंथ से विपंथ न हो जाऊँ
मुझे सँभाल लेना मेरे ईश्वर। 
मैं भक्त से अभक्त न बन जाऊँ
मुझे सँभाल लेना मेरे ईश्वर। 
मैं पुण्य से पाप की तरफ़ न बढ़ जाऊँ
मुझे सँभाल लेना मेरे ईश्वर। 
मैं न्याय से अन्याय न करने लग पड़ूँ
मुझे सँभाल लेना मेरे ईश्वर। 
मैं जीत कर भी हार न जाऊँ
मुझे सँभाल लेना मेरे ईश्वर। 
मैं हँसता हुआ कभी रो न पड़ूँ
मुझे सँभाल लेना मेरे ईश्वर। 
मैं इंसान से हैवान न बन जाऊँ
मुझे सँभाल लेना मेरे ईश्वर। 

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