मुश्किल

01-01-2024

मुश्किल

राजीव डोगरा ’विमल’ (अंक: 244, जनवरी प्रथम, 2024 में प्रकाशित)

 

मुश्किल से तुम आए हो
मुश्किल से हम आए हैं
मोहब्बत नहीं है दो तरफा
फिर भी हम
इश्क़ अपना आज़माएँगे। 
 
मुश्किल से रास्ता मिला है
मुश्किल से सफ़र शुरू किया है
हमसफ़र नहीं है कोई
फिर भी हम
जुनून अपना आज़माएँगे। 
 
मुश्किल से ख़्वाब संजोए हैं
मुश्किल से अधिकारों के लिए जागे हैं
साथ नहीं देता कोई
फिर भी हम
कर्तव्यनिष्ठा अपनी आज़माएँगे। 
 
मुश्किल से जीतना सीखा है
मुश्किल से हारकर सबक़ लेना सीखा है
मार्ग नहीं दिखता कोई
फिर भी हम
स्वयं को मार्गद्रष्टा बन आज़माएँगे। 

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