नया वर्ष

01-01-2024

नया वर्ष

राजीव डोगरा ’विमल’ (अंक: 244, जनवरी प्रथम, 2024 में प्रकाशित)

 

नया वर्ष नया पैग़ाम लाया है। 
नफ़रत नहीं मोहब्बत का
एहसास लाया है। 
 
नया वर्ष नया जुनून लाया है। 
हार नहीं जीत का
ख़्वाब लाया है। 
 
नया वर्ष नई बहार लाया है। 
खिलती नहीं जो कलियाँ
उनको फूल बनाने आया है। 
 
नया वर्ष नया इतिहास लाया है। 
मिला नहीं जो आज तक
उसकी आशीष लाया है। 
 
नया वर्ष नया अंदाज़ लाया है। 
बिखर चुके हैं जो जज़्बात
उनका हिसाब लेने आया है। 

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