आज़ाद पुरुष

01-02-2025

आज़ाद पुरुष

राजीव डोगरा ’विमल’ (अंक: 270, फरवरी प्रथम, 2025 में प्रकाशित)

 

उठो देश के लोगों 
ख़ुद के अधिकारों को
ज़रा एक बार पहचानो। 
निकलकर झूठे किरदारों से 
ख़ुद के व्यक्तित्व को
ज़रा एक बार निखारो। 
सत्ता सत्ताधारियों की नहीं 
सत्ता को आज़माने वालों की
सदा होती आई है। 
ख़ुद की आज़माइश कर 
ख़ुद की एक सत्ता 
ज़रा एक बार बनाना सीखो। 
उठो देश के लोगो 
ख़ुद के अंदर के सत्य पुरुष को 
ज़रा एक बार पहचानो। 
आज़ाद पुरुष की तरह 
सत्य के लिए एक बार 
ज़रा जीवन जी कर देखो। 

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