कोई पता नहीं

15-12-2022

कोई पता नहीं

राजीव डोगरा ’विमल’ (अंक: 219, दिसंबर द्वितीय, 2022 में प्रकाशित)

अपने थे या बेगाने
कोई पता नहीं। 
 
ग़म देंगे या ख़ुशियाँ
कोई पता नहीं। 
 
मुस्कुरा कर गए या
रुलाकर गए
कोई पता नहीं। 
 
हँसते हुए रुला गए
या रुलाते हुए हँसा गए
कोई पता नहीं। 
 
बेनाम का नाम कर गए
या फिर बदनाम कर गए
कोई पता नहीं। 
 
अपनापन दे गए
या बेगाना कर गए
कोई पता नहीं। 

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