गुरु प्यारा 

01-06-2024

गुरु प्यारा 

राजीव डोगरा ’विमल’ (अंक: 254, जून प्रथम, 2024 में प्रकाशित)

 

न देखा मैं सृजनहारा 
न देखा मैं पालनहारा 
मैं देखा अपना गुरु बलिहारा 
जिन भव पार 
मुझ उतारा। 
 
न देखा मैं राम प्यारा 
न देखा मैं कृष्ण न्यारा 
मैं देखा अपना गुरु प्यार
जिन दर्श दिखाया 
प्रभु तेरा हर रूप न्यारा। 
 
न देखी मैं काली मैया 
न देखी मैं दुर्गा मैया 
मैं देखा अपना गुरु प्यारा 
जिन दिखाई भगवती 
हर लीला न्यारी। 

0 टिप्पणियाँ

कृपया टिप्पणी दें

लेखक की अन्य कृतियाँ

कविता
नज़्म
बाल साहित्य कविता
सामाजिक आलेख
विडियो
ऑडियो

विशेषांक में