संस्कार

01-10-2023

संस्कार

राजीव डोगरा ’विमल’ (अंक: 238, अक्टूबर प्रथम, 2023 में प्रकाशित)

 

वो जाति वो मज़हब
किस काम का
जो सीखा न सकें
परायों से भी अपनापन। 
 
वो धर्म वो परंपराएँ
किस काम की
जो बता न सकें
इंसान को इंसानियत। 
 
वो अपने वो पराए
किस काम के
जो काम न आ पाएँ
सही समय पर। 
 
वो ज्ञान वो ध्यान
किस काम का
जो थाम न पाए
मनोवृत्तियों के वेग को। 

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