फिर से

राजीव डोगरा ’विमल’ (अंक: 189, सितम्बर द्वितीय, 2021 में प्रकाशित)

तुमको जीवन की
मर्यादा के लिए
उठना होगा।
तुमको मानवता की
उदारता के लिए
फिर से
उस ईश्वर के आगे
झुकना होगा।
तुम्हें असत्य को
हराने के लिए
फिर से
सत्य से जुड़ना होगा।
तुमको मानवता की
रक्षा के लिए
फिर से
हार कर भी जीतना होगा।

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