पराभौतिक

15-12-2025

पराभौतिक

राजीव डोगरा ’विमल’ (अंक: 290, दिसंबर द्वितीय, 2025 में प्रकाशित)

 

मृत्यु तुम करो न भक्षण मेरा 
मैंने भी देखना है
काल बड़ा है या काली। 
 
भाग्यविधाता लिखो ना भाग्य 
मैंने भी देखना है 
कर्म बड़ा है या कर्मदाता। 
 
समय बदलो न अपना पहिया
मैंने भी देखना है 
भविष्यवक्ता बड़ा है या भविष्यकर्ता। 
 
प्रेतराज चलो न करोड़ों प्रेतों के साथ
मैंने भी देखना है 
तंत्र बड़ा है या प्रेम मंत्र। 
 
देवराज इंद्र करो तप ज़रा भंग 
मैंने भी देखना है
योगाग्नि बड़ी है या कामाग्नि। 

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