कोना-कोना कोरोना-फ़्री

15-04-2021

कोना-कोना कोरोना-फ़्री

मधु शर्मा (अंक: 179, अप्रैल द्वितीय, 2021 में प्रकाशित)

चलें मिलकर एक ऐसा मंच बनाएँ यारो,
जहाँ कुछ सुनें, कुछ अपनी सुनाएँ यारो।
 
कान पक गये सुन-सुनकर कोरोना कोरोना,
जड़ से यह कैसे उखड़े दिमाग़ लड़ाएँ यारो।
 
कितने ही टूट गये और कितने बिखर गये,
चलकर उन घरों को फिर से बसाएँ यारो।
 
जब तक हर कोना कोरोना-फ़्री न हो जाए,
तब तक कोई भी बड़ा जश्न न मनाएँ यारो।
 
और जो भगवान-भरोसे बैठ, बहरे बन बैठे,
उन ढीठ भैंसों के आगे बीन न बजाएँ यारो।

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