चौबारा चाची का

01-09-2025

चौबारा चाची का

मधु शर्मा (अंक: 283, सितम्बर प्रथम, 2025 में प्रकाशित)

 

गोलमोल गपशप के गोलगप्पे, 
गर्मागर्म ख़बरों के ख़स्ता ख़स्ते, 
मात खा गई ठेले वाले की चाट, 
चटकारे ले चाची करें जब बात। 
 
हलक़ से उतरे न उनके निवाला, 
लगायें न जब तक मिर्च-मसाला, 
टेढ़ी-मेढ़ी सी मीठी जलेबी भाँति, 
कान न धरो तो छिड़ जाती क्रांति। 
 
सोच-सोचकर चाचू सचमुच परेशान, 
भर रहा हूँ पूर्वजन्म का कोई भुगतान। 
चाची का चौबारा एक चटपटी दुकान, 
अटपटी आदतें उनकी मचाएँगी तूफ़ान। 
यहीं घटे हैं पानीपत के से युद्ध घमासान, 
चौथे से बचना है चंदू, चलो बाँधो सामान। 

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