भेद-भाव

15-11-2023

भेद-भाव

मधु शर्मा (अंक: 241, नवम्बर द्वितीय, 2023 में प्रकाशित)


कनिष्ठ या ज्येष्ठ हैं, 
दृष्टि में मेरी एक हैं। 
 
पड़ोसन है या धोबन
करें क्यों हम भेद हैं। 
 
माली हो या रुदाली
भरते मेहनत से पेट हैं। 
 
मैं पुजारी तुम भिखारी, 
सुन प्रभु करते खेद हैं। 
 
रगें काट के सबकी देखें
रंग सभी के ख़ून का एक है।

0 टिप्पणियाँ

कृपया टिप्पणी दें

लेखक की अन्य कृतियाँ

कहानी
कविता
सजल
किशोर साहित्य कहानी
हास्य-व्यंग्य कविता
चिन्तन
किशोर साहित्य कविता
बच्चों के मुख से
आप-बीती
सामाजिक आलेख
ग़ज़ल
स्मृति लेख
लघुकथा
कविता - क्षणिका
हास्य-व्यंग्य आलेख-कहानी
कविता-मुक्तक
कविता - हाइकु
नज़्म
सांस्कृतिक कथा
पत्र
सम्पादकीय प्रतिक्रिया
एकांकी
विडियो
ऑडियो

विशेषांक में