कैसी भी हो  

15-09-2025

कैसी भी हो  

मधु शर्मा (अंक: 284, सितम्बर द्वितीय, 2025 में प्रकाशित)

 

फ़ेलुन फ़ेलुन फ़ेलुन फ़ेलुन फ़े 
22    22    22    22    2
 
काटेंगे ये ज़िंदगी, कैसी भी हो, 
बेरंग रंग-बिरंगी, कैसी भी हो। 
 
जैसी भी है दुनिया निभा ही लें, 
मेरी-तेरी पसंदगी, कैसी भी हो। 
 
फैली है दहशत दुनिया भर में, 
धोनी होगी गंदगी, कैसी भी हो। 
 
माफ़ी कैसे मिलेगी गुनाहों की, 
ऐसी-वैसी दरिंदगी, कैसी भी हो। 
 
थोड़ी सी हँसी थोड़ी सी मस्ती, 
थोड़ी सी संजीदगी, कैसी भी हो। 
 
क़ुदरत कहती करके देखो 'मधु'
सादा रखना बंदगी, कैसी भी हो। 

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