दुलार से पुकारे जानेवाले पुराने नाम

01-12-2024

दुलार से पुकारे जानेवाले पुराने नाम

मधु शर्मा (अंक: 266, दिसंबर प्रथम, 2024 में प्रकाशित)

 

महल्ले हमारे में थी बच्चों की भरमार
लड़ते-झगड़ते लेकिन आपस में था प्यार। 
 
बिल्लू, बल्लु, बल्लो, बिल्ला व बिल्ली, 
भोले-भाले से थे भोलू, भोला और भोली। 
 
बिट्टो, बिट्टी, बिटिया का था बड़ा ही नाम, 
बॉबी, बबुआ और बब्बू लेकिन थे बदनाम। 
 
चोरी करते चिंकू, चिंकी, चंकी, चुन्नु, चीनी, 
फँस जाते बेचारे छोटू, छुट्टे या भाई चवन्नी। 
 
डरी-डरी सी रहतीं थीं डोडो, डड्डू व डिम्पल, 
डिप्पी, डिम्पी और डिंकी थीं बहुत सिम्पल। 
 
गोगी, गुग्गु, गुग्गी, गुड्डी और गुड़िया, 
ले आती गुड्डो सभी के लिए गुजिया। 
 
काकू, काके, कालिया की करनी, 
कुक्कु व किक्कु को पड़ती भरनी। 
 
मुन्ना, मुन्नु, मनु, मीनू और मुन्नी, 
मिली को मिल गईं मिम्मी व मिन्नी। 
 
नाचने में नम्बर वन नन्हू, निन्नी, नन्ही व नीटू, 
देख उन्हें ख़ुश होते निक्का, निक्की व निक्कू। 
 
पिन्कु, पिन्की, पिक्की, पारो, पम्मी और पुन्नी, 
पॉपी, पप्प सभी हड़प जाते पप्पू की पूरी पिन्नी। 
 
टप्पू, टीपू, टीटू, टुकटुक, टोक-टोक थक जाते, 
टिंका-टिंकी या कौन है टिंकू, सिर धुनते रह जाते। 
 
गिन्नी, हनी, गिक्की, मिक्की को कैसे भूल जायें, 
स्वागत है बच्चों यदि कुछ नाम आप भी जोड़ना चाहें।

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