कभी नहीं

01-02-2025

कभी नहीं

मधु शर्मा (अंक: 270, फरवरी प्रथम, 2025 में प्रकाशित)

 

मनमानी कभी की नहीं, 
ज़ुर्रत भी कभी हुई नहीं।
  
टैंशन हमने कभी दी नहीं, 
और मोल कभी ली नहीं। 
 
ज़िंदगी तो कभी जी नहीं, 
कमी छोड़ी कभी थी नहीं। 
 
निभा सकते आप भी कैसे, 
घूँट कड़वा पीया कभी नहीं। 

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