भानुमति

01-09-2023

भानुमति

मधु शर्मा (अंक: 236, सितम्बर प्रथम, 2023 में प्रकाशित)

 

भानुमति ने कुनबा ऐसा जोड़ा, 
कहीं की ईंट थी कहीं का रोड़ा, 
किसी से उसने फिर मुँह न मोड़ा। 
 
पड़ोस में उसके रहता था जो जोड़ा, 
जाते ही विदेश घर-बार ऐसा छोड़ा, 
बने-बनाये कुनबे से ही नाता तोड़ा। 
 
पूछ लेते काश वे भानुमति से थोड़ा, 
ईंट-रोड़े से कैसे उसने कुनबा जोड़ा, 
ईंट-रोड़े से कैसे उसने कुनबा जोड़ा। 

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