आभारी

मधु शर्मा (अंक: 241, नवम्बर द्वितीय, 2023 में प्रकाशित)

 

“मुझे इस तरह टोकने की बजाय तुम्हें तो मेरा आभारी होना चाहिए कि मेरी पीने की आदत को देखकर ही तो हमारा इकलौता बेटा शराब को छूता तक नहीं . . . नहीं तो वह अपना वेतन तुम्हें देने की बजाए, अपनी उम्र के दूसरे लड़कों की तरह अपना सारा पैसा शराब पर लुटा रहा होता!”

स्वयं की लत को बुरा कहने की बजाय वह अपनी पत्नी को आज रात फिर लताड़ रहा था। 

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