जीवन

मधु शर्मा (अंक: 277, मई द्वितीय, 2025 में प्रकाशित)

 

सबक़ क़दम-क़दम पर सिखलाये, 
प्रेम से तो कभी डाँट कर समझाये। 
 
डर न जायें वार्षिक-परीक्षा से हम, 
त्रैमासिक-परीक्षा भाँति आज़माये। 
 
घबरा न जायें संकट बड़ा देख कहीं, 
छोटे कष्टों से जीवन अवगत कराये। 

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