आदान-प्रदान

15-03-2024

आदान-प्रदान

मधु शर्मा (अंक: 249, मार्च द्वितीय, 2024 में प्रकाशित)

 

“अरे मिसेज़ वर्मा, लगता है आपकी याददाश्त कमज़ोर होने लगी है। यह गिफ़्ट तो हमने आपकी बेटी के जन्मदिन पर पिछले ही महीने दिया था न?”

“हँसिये नहीं मिसेज़ गुप्ता। आपकी ही याददाश्त ताज़ा करवाने के लिए यह आदान-प्रदान करना पड़ा। क्योंकि पिछले वर्ष आपकी इसी बच्ची के जन्मदिन पर उसे हमारा दिया हुआ यही तो गिफ़्ट था।”

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