बातें . . . वादे . . . यादें

01-10-2025

बातें . . . वादे . . . यादें

मधु शर्मा (अंक: 285, अक्टूबर प्रथम, 2025 में प्रकाशित)

 

पिछली उन पुरानी बातों से, 
बातों में किये गये वादों से, 
वादों से भरी कड़वी यादों से, 
दिल अगर दु:खता हो
और दम भी घुटता हो, 
आँखें हरदम रोती हों, 
दिल का चैन खोती हों, 
 
तो . . . 
 
बातों को भुलाना होगा, 
वादों को निभाना होगा, 
यादों को मिटाना होगा, 
आँसुओं को छुपाना होगा, 
दिल को समझाना होगा, 
यक़ीन उसे दिलाना होगा, 
ख़ुशियों से मिलाना होगा, 
खोया जो उसे पाना होगा। 

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