सावनी के फूल

01-09-2022

सावनी के फूल

सरोजिनी पाण्डेय (अंक: 212, सितम्बर प्रथम, 2022 में प्रकाशित)

1.
फूली सावनी
गुलाबी रंग वाली
लुभाती मन
पूरित हुआ जल
तरंग मेंह मन
2.
उदे बादल
लखते दुलहिन
हुए मगन
छूटा सब संयम
बरसे झमाझम
3.
स्नेह सिक्त
सावनी के पुहुप
झरे भू पर
जल में हो निमग्न
डूबे प्रेम के रस
4.
मुस्काई धरा
देख ये प्रेमाचार
उदे-गुलाबी
घुले-मिले होकर
बिछे भूमि ऊपर॥

0 टिप्पणियाँ

कृपया टिप्पणी दें

लेखक की अन्य कृतियाँ

अनूदित लोक कथा
कविता
सांस्कृतिक कथा
आप-बीती
सांस्कृतिक आलेख
यात्रा-संस्मरण
ललित निबन्ध
काम की बात
यात्रा वृत्तांत
स्मृति लेख
लोक कथा
लघुकथा
कविता-ताँका
सामाजिक आलेख
ऐतिहासिक
विडियो
ऑडियो

विशेषांक में