विद्रोह
धीरज ‘प्रीतो’
सुनो मेरे देश के युवाओं
तुम लोगों ने किसी स्त्री का सिर्फ़
बलात्कार ही नहीं किया,
किसी स्त्री को सिर्फ़ नग्न ही नहीं किया
तुमने किया है बेटों को पैदा करने वाले चक्र
पर प्रहार
तुम्हारी नीचता को देख कर
आज महिलाओं का वो रक्त
जो मासिक धर्म में बह रहा है
विद्रोह करेगा और कहेगा
अब मुझे और बेटा नहीं जनना।
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