कविता मुझे कहाँ मिली? 

01-09-2024

कविता मुझे कहाँ मिली? 

धीरज ‘प्रीतो’ (अंक: 260, सितम्बर प्रथम, 2024 में प्रकाशित)

 

तुम से मिलने से पहले
साहित्य मेरे लिए मृत था
शब्दों से एक गंध आती थी
कविताएँ मुझ से हो कर गुज़र जाती थीं
बग़ैर मुझे झकझोरे
जिस दिन तुम मिली
साहित्य मुझ में जाग उठा
शब्द महकने लगें
मुझे मेरी कविताएँ मिलीं। 

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