मेरे अश्रु

01-12-2024

मेरे अश्रु

धीरज ‘प्रीतो’ (अंक: 266, दिसंबर प्रथम, 2024 में प्रकाशित)

 

मैं कुछ न बोलूँगा 
चुप ही रहूँगा
मेरे अश्रु बोलेंगे
सिर्फ़ बोलेंगे ही नहीं
मेरे अश्रु रोएँगे भी
मेरे अश्रु कराहेंगे भी
मेरे अश्रु चिल्लाएँगे भी
और जब जब ऐसा होगा
तब तब एक श्राप लगेगा
उन्हें जिन्हें धार्मिक कहा जाता है
उन्हें जिन्हें राजनेता कहा जाता है
उन्हें जिन्हें भगवान कहा जाता है
उन्हें जिन्होंने इन सब को पनाह दी है। 

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