तेरी याद की चिंगारी

15-12-2024

तेरी याद की चिंगारी

धीरज ‘प्रीतो’ (अंक: 267, दिसंबर द्वितीय, 2024 में प्रकाशित)

 

बार बार लगातार 
ख़ुद को समझाया मैंने कि तुम्हें याद न करूँ
और इस सफ़र में मैं ख़ुद का दुश्मन बन बैठा
तुम्हारी याद में जो प्रेम कविताएँ लिखीं
उनको ख़ुद से दूर बहुत दूर दफ़ना आया
मैंने हर सम्भव प्रयास किया तुम्हें भुलाने के लिए
परन्तु अब मैं अंतिम दौर में हूँ
मुझे याद है 
मेरे जीवन की शुरूआत पतझड़ से हुई थी
फिर तुम आई
तत्पश्चात् मैंने सभी मौसम देखे 
और उनको जिया भी
एक नहीं अनेकों बार
फिर तुम चली गई 
और अब 
मैं सूखता जा रहा हूँ 
किसी जंगल की तरह
अब तेरी याद की एक चिंगारी
और सब स्वाहा। 

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