मैं स्वयं

01-02-2025

मैं स्वयं

धीरज ‘प्रीतो’ (अंक: 270, फरवरी प्रथम, 2025 में प्रकाशित)

 

कोई मुझे समझे न समझे
मैं समझूँगा स्वयं को
मैं अपना इलाज ख़ुद करूँगा
दुःख से, दर्द से, पीड़ा से
मुझ से बेहतर मेरा कोई मित्र नहीं
मैं स्वयं के साथ जाऊँगा सफ़र पर
मैं तुम से प्रेम करूँगा, अथाह प्रेम
बावजूद इसके मैं अपना निजी रहूँगा
मैं तुम्हें पल हर पल याद करूँगा
फिर भी तुम मुझे मुझसे छीन नहीं पाओगी। 

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