प्रेम का पुश्तैनी क़र्ज़

01-07-2024

प्रेम का पुश्तैनी क़र्ज़

धीरज ‘प्रीतो’ (अंक: 256, जुलाई प्रथम, 2024 में प्रकाशित)

 

सभी को कुछ न कुछ मिलता है
पुश्तैनी में
किसी को ज़मीन
किसी को मकान
किसी को हवेली और
किसी को धन संपदा
मैं अपने बच्चों के लिए छोड़ जाऊँगा
पुश्तैनी प्रेम
जो मैंने उधार लिया था
प्रेम की एक देवी से
मेरे बेटे लायक़ हुए तो वे चुकाएँगे
मेरे प्रेम का क़र्ज़
किसी प्रेम की देवी की पूजा अर्चना करते हुए
और अगर मेरी बेटियाँ लायक़ हुईं तो लेंगी मेरा बदला
किसी पुजारी को उसकी पूजा का फल देकर। 

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