प्रेम में पाषाण हो जाना
धीरज ‘प्रीतो’
जानता हूँ पाषाण पिघला नहीं करते फिर भी
तुम्हारी तस्वीर दिन में एक बार ज़रूर देख लेता हूँ
कुछ कविताएँ जो तस्वीर में क़ैद हैं, उन्हें बाहर
खींच लाने की भरसक प्रयास करता हूँ
सफलता असफलता के पड़ाव में
उन्मुक्त भाव से सोचता हूँ कि
तुम्हें याद करते हुए
किसी दिन मैं पाषाण बन जाऊँ
पाषाण जिसमें क़ैद रहती है
वर्षों पुरानी यादें और जो सँजोए
रखी हैं अब तक अपने सीने में सृष्टि के
प्रथम प्यार का इतिहास
मेरा पाषाण हो जाना ख़ुद को अमर कर देना होगा
जैसे हमारे इष्टदेव विराजमान है पाषाणों में
अब तक सही सलामत
सभ्यताएँ जो पाषाणों के बीच फली-फूली
कई बार मर कर पुनः जीवित हो गईं
शायद मैं भी जीवित हो जाऊँ किसी दिन
अकस्मात् प्रेम में पड़ी किसी सीता का पाँव छू जाने से
और तब उस दिन हाथ में थामे तुम्हारी तस्वीर पर रच दूँ
एक कविता, एक गीत, एक इतिहास
कि प्रेम में पाषाण हो जाना
थोड़ा थोड़ा भगवान हो जाना होता है।
0 टिप्पणियाँ
कृपया टिप्पणी दें
लेखक की अन्य कृतियाँ
- कविता
-
- अंत कहाँ पर करूँ
- अकेलापन
- अचानक
- अदृश्य दरवाज़े
- अब तक की जीवनगाथा
- असमंजस
- असल प्रयागराज
- आँखों की भाषा
- आईना
- आशियाना
- आख़िरी कर्त्तव्य
- इज़हार
- उपनिवेश
- उम्मीद एक वादे पर
- एक नई दुनिया
- एक लड़का
- कर्ण
- कविता मुझे कहाँ मिली?
- क्या राष्ट्र सच्चा है?
- क्रांति
- गड़ा मुर्दा
- गर्मी देवता की गर्मी
- गाँव और शहर
- गिद्ध
- गुनाह
- गुलदस्ता
- गुलाब
- घुप्प अँधेरा
- छह फ़ुट की क़ब्र
- जागती वेश्याएँ
- तख़त
- तिलिस्म
- तीन भाइयों का दुखड़ा
- तुम जानते हो?
- तुम हक़दार हो
- तुम्हारी महक
- तुम्हारे संग
- थोड़ा सा थक गया हूँ
- दुख का स्वाद
- दुनिया
- नदी
- नफ़रत के सौदागर
- पदार्थ की चौथी अवस्था
- पिता एक किताब
- पिता जी
- पुतली
- पुराने साल का ग़म
- पुल
- पेड़ गाथा
- प्रियजनो
- प्रेम अमर रहे
- प्रेम और ईश्वर
- प्रेम का ढंग
- प्रेम का पुश्तैनी क़र्ज़
- प्रेम का महीना और मेरा दुर्भाग्य
- प्रेम का रंग
- प्रेम का वध
- प्रेम की सागर तुम
- प्रेम में पाषाण हो जाना
- बच कर रहना
- बताओ मैं कौन हूँ?
- बदहाली
- बह जाने दो
- बहनो
- बहनो
- बारिश
- बीहड़
- बुद्ध
- बेबसी
- भाग्यशाली
- मंदिर देखो
- मजनूँ का दुःख
- मत ब्याहना मुझे उस स्त्री से
- मन से मतभेद
- मनःस्थिति
- माँ
- माँगलिक
- मुझे माफ़ कर दो
- मेरा वुजूद
- मेरा सत्य
- मेरी कविताओं में क्या है
- मेरी प्यारी धृष्टता
- मेरी बहन
- मैं आवाज़ हूँ
- मैं क्या लिखूँ?
- मैं चाहता तो
- मैं तप करूँगा
- मैं भी इंसान हूँ
- मैं स्त्री हूँ
- मैं हूँ
- मैं ख़ुद की हीनता से जन्मा मृत हूँ
- मज़दूर हूँ
- ये दुनिया एक चैंबर है
- राम, तुम मत आना
- रोज़गार चाहिए
- लड़ते लड़ते
- विद्रोह
- विद्रोही कविताएँ
- वो लड़की
- शब्द
- शादी का मकड़जाल
- शृंगार
- षड्यंत्र
- सावन
- सुनो प्रिये
- सूरज डूब गया है
- स्कूल बैग
- स्त्रियाँ
- स्त्री तेरे कितने रंग
- स्पर्श
- हे कृष्ण
- होली—याद है तुम्हें
- ग़रीबी
- विडियो
-
- ऑडियो
-